निश्चय और समर्पण से सम्भव है, भगवत प्राप्ति -सम्पूर्णानंद जी महाराज
सांगीपुर प्रतापगढ़: क्षेत्र के गोबरा अमांवा गांव में विद्यानंद पांडेय के संयोजन में आयोजित संगीतमयी श्रीमद्भागवत कथा के छठवें दिन श्रीकृष्ण-रूक्मणी विवाह समेत विविध प्रसंगों की सारगर्भित कथा सुन श्रोता भावविभोर हो चले।
प्रयागराज से पधारे अन्तर्राष्ट्रीय कथा व्यास स्वामी सम्पूर्णानंद जी महाराज ने कहा की भागवत में भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी लीलाओं के माध्यम से मानव को जीवन जीने की कला का मंत्र दिया है।
कथा व्यास ने भगवान का मथुरा प्रस्थान, कंस का वध, महर्षि संदीपनी के आश्रम में विद्या ग्रहण करना, कालयवन का वध, ऊधव गोपी संवाद, ऊधव द्वारा गोपियों को अपना गुरु बनाना, द्वारका की स्थापना एवं रुक्मणी विवाह के प्रसंग का सरस वर्णन किया।कथा व्यास ने कहा कि महारास में भगवान श्रीकृष्ण ने बांसुरी बजाकर गोपियों का आह्वान किया और महारास लीला के द्वारा ही जीवात्मा परमात्मा का ही मिलन हुआ। उन्होंने कहा जीव और ब्रह्म के मिलने को ही महारास कहते है। उन्होंने कहा कि आस्था और विश्वास के साथ भगवत प्राप्ति के लिए निश्चय और समर्पण भी जरूरी है। इस दौरान श्रीकृष्ण और रूक्मिणी के विवाह की झांकी ने श्रद्धालुओं को आनंदित कर दिया। आयोजक विद्यानंद पांडेय व उमाधर पांडेय ने सभी का स्वागत किया।विपिन पांडेय ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया।इस मौके पर कैपिटल पब्लिक स्कूल के प्रबंधक एस पी पांडेय,रुरर्स बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ज्ञान प्रकाश शुक्ल, अनिल तिवारी, अधिवक्ता संघ के पूर्व अध्यक्ष विकास मिश्र, कैलाशपति मिश्र, बृजबिहारी मिश्र, धनंजय मिश्र, जीतबहादुर सिंह, बृजेश मिश्र, प्रधान पप्पू पांडेय, प्रधान देवनाथ पांडेय,चंचल पांडेय, विकास पांडेय, अवधेश शुक्ला आदि मौजूद रहे।